ये मुमकिन है,तेरी जुल्फे गर जो खुली रहती हैं,
इस शहर ए दिल में इश्क़ का तूफां उठ जाना है इक दिन।
-कातिब
ये मुमकिन है,तेरी जुल्फे गर जो खुली रहती हैं,
इस शहर ए दिल में इश्क़ का तूफां उठ जाना है इक दिन।
- कातिब soulful speech Sumit Gupta Ritika suryavanshi Suman Zaniyan tr.soumya chaudhary (madhubala)