एक उसके दुआ में कभी मिलावट नहीं देखी
मैंने मां से बढ़कर और कोई इनायत नहीं देखी
दर–दर भटकता रहा मैं
सच्ची मोहब्बत पाने के लिए
जब दहलीज़ पे नज़र पड़ी तो
मां से बड़ी कोई चाहत नहीं देखी
मैंने मां जैसी पाक मोहब्बत नहीं देखी
सुकून की तलाश में भागते जा रहे थें बेतहाशा
जब टकराया चेहरे से मां का आंचल तो
मैंने उससे बड़ी राहत नहीं देखी
लोग करते हैं बात जन्नत की
जब झुककर मां के पैरों को चूमा तो
उसके हाथों से मेरे सर को सहलाना
वो एहसास वो प्यार
मैंने ऐसी कहीं जन्नत नहीं देखी
देखा तो बहुत है दिखावे की परवाह
पर मां के परवाह जैसी किसी में आहट नहीं देखी
मैंने रब के सजदे देखे हैं
पर माफ़ करना ऐ ख़ुदा
मैंने मां से बढ़कर कोई इबादत नहीं देखी!!!
मैंने मां से बढ़कर कोई इबादत नहीं देखी!!!
©Dr. Shivani❤dreams
#मां
#MereKhayaal