देखा जो प्रताप का प्रताप हल्दी घाटी मे , धूल भरी | हिंदी Poetry

"देखा जो प्रताप का प्रताप हल्दी घाटी मे , धूल भरी ओट मे छिप गया भास्कर। अरी दल पर मेवाडी ऐसा टूट पडा , काल खुद नाच रहा काल के कपाल पर। देखा मान ने पौरुष जब महाराणा का , काशीवास दिख रहा मुगलिया भाल पर। एक हाथ से ही बहलोल को चीर डाला , तमाचा जडा जैसे मुगलिया गाल पर । ✍️ जितेन्द्र गौतम "इंकलाबी"🇮🇳 ©.."

 देखा जो प्रताप का प्रताप हल्दी घाटी मे ,
 धूल भरी ओट मे छिप गया भास्कर।
अरी दल पर मेवाडी ऐसा टूट पडा ,
काल खुद नाच रहा काल के कपाल पर।
देखा मान ने पौरुष जब  महाराणा का ,
काशीवास दिख रहा मुगलिया भाल पर।
एक हाथ से ही बहलोल को चीर डाला ,
तमाचा जडा जैसे मुगलिया गाल पर ।
             ✍️ जितेन्द्र गौतम "इंकलाबी"🇮🇳

©..

देखा जो प्रताप का प्रताप हल्दी घाटी मे , धूल भरी ओट मे छिप गया भास्कर। अरी दल पर मेवाडी ऐसा टूट पडा , काल खुद नाच रहा काल के कपाल पर। देखा मान ने पौरुष जब महाराणा का , काशीवास दिख रहा मुगलिया भाल पर। एक हाथ से ही बहलोल को चीर डाला , तमाचा जडा जैसे मुगलिया गाल पर । ✍️ जितेन्द्र गौतम "इंकलाबी"🇮🇳 ©..

#good_night

People who shared love close

More like this

Trending Topic