कि धुंधली सी होती जा रही हूं मैं...
मायूसी में खुद को खोते जा रही हूं मैं...
सोचती हूं शायद
इस बार तो कुछ अच्छा होगा...
पर हर बार आंसुओं से
खुद को भिगोती जा रही हूं मैं...
कि धुंधली सी होती जा रही हूं मैं...
©Meenu pant Tripathi Haldwani Nainital
#outofsight