Unsplash कभी - कभी मै
मै नही होती तुम होते हो
तब मै देख पाती हूँ
मेरी उंगलियों मे फसी तुम्हारी उँगलियाँ
बेइंतेहा, बेशुमार और "बा कामाल"
प्रेम रच डालती है
मुझे ये कहना था उनसे जो ये मेरी हुनर
समझते है दरसल वो तुम्हारी समझे
और तुम मेरी
©चाँदनी
#lovelife