White ग़ज़ल   "खण्डर हो गया बाग, जुदाई के बाद" | ह

"White ग़ज़ल   "खण्डर हो गया बाग, जुदाई के बाद" 1. खण्डर हो गया बाग, जुदाई के बाद,   खिलने लगे कांटे, परछाई के बाद।   2. फूलों का हर मौसम, ग़ायब हुआ,   खुशबू ने दम तोड़ा, पुरवाई के बाद।   3. आँखें भी रोईं, दिल भी तड़पा,   तन्हा हुआ दिल, तेरी रुसवाई के बाद।   4. शाखें जो लहराईं, सूनी पड़ीं,   सपनों में भी आई, तन्हाई के बाद।   5. चमन के वो मंज़र, वीरान हुए,   सुनाई न दी बातें, शहनाई के बाद।   6. चाँदनी रातें भी, सर्द हो गईं,   चमक भी न आई, रौशनाई के बाद।   7. उम्मीद के जुगनू बुझने लगे,   उजड़ा है हर कोना, तरुणाई के बाद।   8. छांव भी झूठी, सूरज भी पराया,   सच और झूठ बदला, सच्चाई के बाद।   9. दर्द की राहें, दिल से गुज़रीं,   मिलने लगे घाव, जुदाई के बाद।   10. खण्डर हो गया बाग, पर ये भी सच,   संवरता है बंजर, हर तबाही के बाद। ©tatya luciferin"

 White 
ग़ज़ल  

"खण्डर हो गया बाग, जुदाई के बाद"

1. खण्डर हो गया बाग, जुदाई के बाद,  

खिलने लगे कांटे, परछाई के बाद।  

2. फूलों का हर मौसम, ग़ायब हुआ,  

खुशबू ने दम तोड़ा, पुरवाई के बाद।  

3. आँखें भी रोईं, दिल भी तड़पा,  

तन्हा हुआ दिल, तेरी रुसवाई के बाद।  

4. शाखें जो लहराईं, सूनी पड़ीं,  

सपनों में भी आई, तन्हाई के बाद।  

5. चमन के वो मंज़र, वीरान हुए,  

सुनाई न दी बातें, शहनाई के बाद।  

6. चाँदनी रातें भी, सर्द हो गईं,  

चमक भी न आई, रौशनाई के बाद।  

7. उम्मीद के जुगनू बुझने लगे,  

उजड़ा है हर कोना, तरुणाई के बाद।  

8. छांव भी झूठी, सूरज भी पराया,  

सच और झूठ बदला, सच्चाई के बाद।  

9. दर्द की राहें, दिल से गुज़रीं,  

मिलने लगे घाव, जुदाई के बाद।  

10. खण्डर हो गया बाग, पर ये भी सच,  

संवरता है बंजर, हर तबाही के बाद।

©tatya luciferin

White ग़ज़ल   "खण्डर हो गया बाग, जुदाई के बाद" 1. खण्डर हो गया बाग, जुदाई के बाद,   खिलने लगे कांटे, परछाई के बाद।   2. फूलों का हर मौसम, ग़ायब हुआ,   खुशबू ने दम तोड़ा, पुरवाई के बाद।   3. आँखें भी रोईं, दिल भी तड़पा,   तन्हा हुआ दिल, तेरी रुसवाई के बाद।   4. शाखें जो लहराईं, सूनी पड़ीं,   सपनों में भी आई, तन्हाई के बाद।   5. चमन के वो मंज़र, वीरान हुए,   सुनाई न दी बातें, शहनाई के बाद।   6. चाँदनी रातें भी, सर्द हो गईं,   चमक भी न आई, रौशनाई के बाद।   7. उम्मीद के जुगनू बुझने लगे,   उजड़ा है हर कोना, तरुणाई के बाद।   8. छांव भी झूठी, सूरज भी पराया,   सच और झूठ बदला, सच्चाई के बाद।   9. दर्द की राहें, दिल से गुज़रीं,   मिलने लगे घाव, जुदाई के बाद।   10. खण्डर हो गया बाग, पर ये भी सच,   संवरता है बंजर, हर तबाही के बाद। ©tatya luciferin

#love_shayari
#TATYA
#तात्या
#tatyaluciferin
#tatyakavi
#santoshtatya

People who shared love close

More like this

Trending Topic