White यू उम्र भर यारों,
एक भ्रम पाले रक्खा था।
लाख मुसीबत हो यारों,
साथी मेरा सच्चा था।
लोगों से बचा लेगा वो...
यारों ये संकल्प पक्का था।
मैं बेचारा गुमनाम शख्स ,
इस खेल में अभी बच्चा था।
प्रेम की डोर टूटी ऐसी,
जैसे मानों कच्चा था।
रिश्तों की दौलत हार गया मैं,
हमसफर नहीं वो अच्छा था।
चंद रुपए की उधारी दे,
लाखों का पर्चा था।
लाज बचाता फिरता मैं,
हर जगह उसी का चर्चा था।
रिश्तों की दौलत हार गया मैं,
हमसफर नहीं वो अच्छा था।।
©pt.विकास kumar शर्मा
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