White " क्यों शर्तो पे जिंदगी जीना
जब जिंदगी अपनी है
एक बार है मिलती
बड़ी ये कीमती है
नजरिए दूसरों के क्या ,क्यों तुझे है देखना
आंखें तेरी खुद ,सही गलत तुझे है भेदना
क्यों शर्तों पे जिंदगी जीना
जब जिंदगी अपनी है
कठपुतलियो सा खेल ना खेलना
दूजे के हाथ ना अपनी डोर फेंकना
गिर कर उठना उठकर चलना है सीखना
इसी का नाम जिंदगी जिंदगी तुझे है समझना
क्यों शर्तो जिंदगी जीना
जब जिंदगी अपनी है !"
©kanchan Yadav
#Sad_Status