White मियाँ ये बात इश्क करने से पहले सोचनी थी ,
कितनी है गहरी खाई कूदने से पहले देखनी थी,
उसका पूरा हिस्सा आधा दरिया हो जाता है,
किनारा कभी नहीं कहता कि ये लहरें रोकनी थी,
जेल से रिहा हो कर भी कुछ हासिल नहीं हुआ,
हम ये भूल गए कि हमको पहले जंजीर तोड़नी थी,
लोगों की भीड़ थी और था मंजर खामोशी का,
आज उसके आशियाने पे अलग तरह की रोशनी थी,
एक जिंदगी हैं जिसे मर मर के जी रहे है हम,
यही वो जिंदगी है जो हमें मरने से पहले देखनी थी,
©AB चौहान
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