झूठ और सच एक झूठ कहू मुझे तेरी बहुत चाहत हैं ऐ जिंदगी..
एक सच कहू ना मुरादी हो गया हू तेरी चाहत-ए-उल्फत में ऐ जिंदगी..
ना काबिल ही सही पर तेरा मुजाफिर हो गया हूं..
ना गवारा हैं मुझे तेरा मुझसे नजरे चुराना..
तेरी खातिर ही सही अब ये काफिर आज तुझसे नजर मिलायेंगा..
मिटाकर खुद की हस्ती आज तुझमे ही खाक हो जायेगा..
प्रियंका कार्तिकेय
ऐ जिंदगी