क्या लिखूँ क्या लिखूँ तुम्हे
तुम तो मेरी आँखें पढ़ना जानती हो
तुम तो मुझे अपनी जींदगी का सुनहरा सपना मानती हो
मेरी आसूँ का दर्द
मेरी होटों की खुशी
बिन बताय समझना जानती
क्या लिखूँ तुम्हे मैं
माँ
तुम तो मुझ में बसना जानती हो!
©Simran
#PoetInYou #maa
#PoetInYou