जैसे राख का ढेर दूर से ठंडी दिखाई देती है,पर हवा क | हिंदी विचार Video

"जैसे राख का ढेर दूर से ठंडी दिखाई देती है,पर हवा के झोंके से फिर से सुलग उठती है, वैसे ही मन मे पड़ी उम्मीदें होती है,थोड़ी सी संवेदना से फिर से सुलग उठती है। ©sneha jaiswal "

जैसे राख का ढेर दूर से ठंडी दिखाई देती है,पर हवा के झोंके से फिर से सुलग उठती है, वैसे ही मन मे पड़ी उम्मीदें होती है,थोड़ी सी संवेदना से फिर से सुलग उठती है। ©sneha jaiswal

#उम्मीद

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