"श्लोक- वाणी रसवती यस्य,यस्य श्रमवती क्रिया ।
लक्ष्मी : दानवती यस्य,सफलं तस्य जीवितं ।।
अर्थात:- जिस मनुष्य की वाणी मीठी है, जिसका कार्य परिश्रम से युक्त है, जिसका धन दान करने में प्रयुक्त होता है, उसका जीवन सफल है।
-:मित्रों:-
"भाषा" एक ऐसा वस्त्र है,
जिसको यदि शालीनता से नहीं पहना
तो संपूर्ण व्यक्तित्व ही निर्वस्त्र हो जाता है...!!!"
जय श्री कृष्णा... 💐"