"मेरा हर गहराई उसे झूठा लगता है
मेरे रिश्तों का खुदा मुझसे रूठा लगता है
उनसे कल भी अच्छाई थी
आज भी सच्चाई थी
पता नही कोन सी उसकी अकल है
जो हमेशा उसे हम लगे नकल है
जाने क्यूं हम उन्हें करीबी समझते थे
क्योंकि वो तो पहले दिन से हमें फरेबी समझते थे_
©Shekhar Sharma
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