मैं इश्क़ को पाने निकला था,
फ़क्त इश्क़ मिला नहीं पर एक लहजा सुकुन का मिला है!
उस खुदा का शुक्राना तो बनता ही है,
उसकी रजा से जो मुझे तुम जैसा दोस्त कमाल का मिला है!!
!!! शहरयार !!!मैं इश्क़ को पाने निकला था,
फ़क्त इश्क़ मिला नहीं पर एक लहजा सुकुन का मिला है!
उस खुदा का शुक्राना तो बनता ही है,
उसकी रजा से जो मुझे तुम जैसा दोस्त कमाल का मिला है!!
!!! शहरयार !!!मैं इश्क़ को पाने निकला था,
फ़क्त इश्क़ मिला नहीं पर एक लहजा सुकुन का मिला है!
उस खुदा का शुक्राना तो बनता ही है,
उसकी रजा से जो मुझे तुम जैसा दोस्त कमाल का मिला है!!
©Ravi Garg
#coldnights