चादर के साथ रहकर भी सिरहाने कहाँ बता पाते हैं कि ह | हिंदी Shayari

"चादर के साथ रहकर भी सिरहाने कहाँ बता पाते हैं कि है कोई और भी... जो उनसे ही बिछड़ा है हर वक्त साथ है... लगता बस सुनने में ही अच्छा है ©Aahte"

 चादर के साथ रहकर भी सिरहाने कहाँ बता पाते हैं
कि है कोई और भी... जो उनसे ही बिछड़ा है
हर वक्त साथ है... लगता बस सुनने में ही अच्छा है

©Aahte

चादर के साथ रहकर भी सिरहाने कहाँ बता पाते हैं कि है कोई और भी... जो उनसे ही बिछड़ा है हर वक्त साथ है... लगता बस सुनने में ही अच्छा है ©Aahte

#Sad_Status

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