दिल के गहरे कोने में जो दर्द छुपाए थे,
वो कोई था, जो हर राज़ जानने वाला था।
राहों में तन्हाई के साये थे, फिर भी उम्मीदें ज़िंदा थीं,
हमें यकीन था, कोई तो हमारा था।
ग़मों की धुंध में कभी उसने हंसी दी थी,
अब वही शख़्स, हमें छोड़कर जा रहा था।
©नवनीत ठाकुर
#नवनीतठाकुर
दिल के गहरे कोने में जो दर्द छुपाए थे,
वो कोई था, जो हर राज़ जानने वाला था।
राहों में तन्हाई के साये थे, फिर भी उम्मीदें ज़िंदा थीं,
हमें यकीन था, कोई तो हमारा था।
ग़मों की धुंध में कभी उसने हंसी दी थी,