God and Fear मेरे होठों पे मुस्काने सजाना जानती थी | हिंदी कविता
"God and Fear मेरे होठों पे मुस्काने सजाना जानती थी माँ
मेरे टूटे खिलौनों को मिलाना जानती थी माँ
भले जीवन मे लाखों उलझनों हो और आफ़त हो
सभी कठनाईयों से पार पाना जानती थी माँ
मनोज दर्द मुगाँवली म प्र"
God and Fear मेरे होठों पे मुस्काने सजाना जानती थी माँ
मेरे टूटे खिलौनों को मिलाना जानती थी माँ
भले जीवन मे लाखों उलझनों हो और आफ़त हो
सभी कठनाईयों से पार पाना जानती थी माँ
मनोज दर्द मुगाँवली म प्र