ख़्वाब और ख़्याल आज रात ख्वाब और ख्याल को एक साथ ऐसे
"ख़्वाब और ख़्याल आज रात ख्वाब और ख्याल को एक साथ ऐसे जोड़ जायेंगे..
सोयेंगे इतनी गहरी नींद मे ऐ मेरे खुदा..
सारी मुश्कालात से आज आजाद हो जायेंगे..
ना करेंगे अब कोई फरियाद तुझसे..
तेरे हुजूम-ए-इजारत में पनाहगार बन जायेंगे..
प्रियंका कार्तिकेय"
ख़्वाब और ख़्याल आज रात ख्वाब और ख्याल को एक साथ ऐसे जोड़ जायेंगे..
सोयेंगे इतनी गहरी नींद मे ऐ मेरे खुदा..
सारी मुश्कालात से आज आजाद हो जायेंगे..
ना करेंगे अब कोई फरियाद तुझसे..
तेरे हुजूम-ए-इजारत में पनाहगार बन जायेंगे..
प्रियंका कार्तिकेय