"तेरा मेरा संग ...
तू डोर मैं पतंग...
तू गुलाल मैं रंग ...
तेरे संग मैं मलंग...
तू है जो मेरे संग...
लहरो में है उमंग...
उठे हर पल तरंग ...
पुलकित हर अंग ...
ये तेरा मेरा संग ...
तू डोर मैं पतंग ...
तू ताल मैं मृदंग...
मेरे जीने का तू ढंग...
तू पानी मैं तरंग...
तू मेरे से परेशान मैं तेरे से तंग ...
तेरा मेरा संग ...
तू डोर मैं पतंग ।।।
©avinash singh"