White कभी-कभी प्रभू किसी से मिलना होता है
और मिल कर बहुत जोड़ से गले लगाने का मन होता है
लेकिन फिर मन से ही सवाल आता है..
क्या हमारी योग्यता है?अधिकार है ये सब कर पाने का?
और मन से ही जवाब भी आता है..
कि ऐसी बातें सोचने की भी ना योग्यता है ना अधिकार।
~ गौरव झा
।
©गौरव झा नितिन