मानव है खग रूप सम, खुद को मारे चोंच। दो बैरी इंसान | हिंदी कविता Video

"मानव है खग रूप सम, खुद को मारे चोंच। दो बैरी इंसान के, एक स्वयं एक सोच।। ✍🏻 *कपिल वीरसिंह* ©Kapil Tomer "

मानव है खग रूप सम, खुद को मारे चोंच। दो बैरी इंसान के, एक स्वयं एक सोच।। ✍🏻 *कपिल वीरसिंह* ©Kapil Tomer

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