Unsplash रिश्तों की अनुभूति जगत में, बीज खुशी के | हिंदी कविता

"Unsplash रिश्तों की अनुभूति जगत में, बीज खुशी के बोती है। फसलें उगती अपनेपन की, मन की पीड़ा खोती है। मत रखना मन में बैर कभी, छोटी छोटी बातों पर तन्हाई से लीपट के फिर, आंखें अपनी रोती है।। निलम अग्रवाला ©Nilam Agarwalla"

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रिश्तों की अनुभूति जगत में, बीज खुशी के बोती है।
फसलें उगती अपनेपन की, मन की पीड़ा खोती है।
मत रखना मन में बैर कभी, छोटी छोटी बातों पर
तन्हाई से लीपट के फिर, आंखें अपनी रोती है।।
निलम अग्रवाला

©Nilam Agarwalla

Unsplash रिश्तों की अनुभूति जगत में, बीज खुशी के बोती है। फसलें उगती अपनेपन की, मन की पीड़ा खोती है। मत रखना मन में बैर कभी, छोटी छोटी बातों पर तन्हाई से लीपट के फिर, आंखें अपनी रोती है।। निलम अग्रवाला ©Nilam Agarwalla

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