भाई ,मुस्कुराते सब हैं
बहाने अलग-अलग हैं,
कुछ गुनगुनाते सब हैं,
तराने अलग-अलग हैं,
है सबकी कुछ कहानी
फसाने अलग-अलग हैं
अपने ही रूठते हैं,
बहाने अलग-अलग हैं
उसने फिर से कुछ कहा है,
मेरा नया नाम रखकर,
है अंदाज वही पुराना,
उलहाने अलग-अलग हैं ।।
पुष्पेन्द्र "पंकज"
©Pushpendra Pankaj
#Dostiforever