प्रथम देवी जी की सुमिरन किन्हेउ धरत ध्यान महेश्वरी
देहू दृष्टा देहु माई श्री चंडी चरण प्रणाम है
देहु दृष्टा देहु माई श्री चंडी चरण प्रणाम है
देवी जी की आत्मा जगआत्माया माया है मन मोहिनी
भगवती जी अपनी परण को राखो अपनी शरण
भगवती जी अपनी परण को राखो अपनी शरण में
देवी जी के हाथ में कंगन कान में कुंडल हीरा रत्न जडाई के
देहु दृष्टा देहु माई श्री चंडी चरण प्रणाम है
देहु दृष्टा देहु माई श्री चंडी चरण प्रणाम है
काहे कारण भय हु जननी काहे कारण भार्या
काहे कारण भय हूं चंडी काहे कारण देवी कालिका
काहे कारण भया हूं चंडी काहे कारण देवी कालिका
पुजा कारण भय हूं जननी भोग कारण भार्या
अंत कारण भय हूं चंडी मोक्ष कारण देवी कालिका
अंत कारण भय हूं चंडी मोक्ष कारण देवी कालिका
त्रेता में महादेवी सीता जो कहीए द्वापर महादेवी अंबिका
सतयुग महादेवी चंडी जो कहिए कलयुग महादेवी कालिका
सतयुग महादेवी चंडी जो कहिए कलयुग महादेवी कालिका
अन्न देहु मां धन्न देहु मां और सौभाग्य मुझे दीजिए
दर्शन कि अभिलाषी हूं माँ त्राहि - त्राहि शरण में
दर्शन कि अभिलाषी हूं माँ त्राहि - त्राहि शरण में
प्रेम से बोलिए माँ भगवती जगतजननी गौरी मैया की जय 🙏🌹💐
महंत अमोरा महिला मन्डल ✍️
जॉजगिर-चाँपा (छ.ग)
©Swati Tiwari
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