हर शाम की तरह ये शाम भी ढल रही थी
आज उसकी याद शायद ज्यादा खल रही थी
सोचता रहा मैं पूरी राह
क्या मेरे प्यार मे वाकई कमी थी??
वो वही अकेलापन, वो वही वीराने रोड़
और उसकी तड़पाती यादें
हर रोज की तरह मेरे साथ चल रही थी
महसूस हुआ जैसे उसका साया मेरे साथ चल रहा हो
उसकी महक उसकी मौजूदगी
उसके होने का एहसास हुआ
और फिर मैंने आहट सुनी
आहट उसके कदमों की
उसके कदमों की आहट सुनते ही मै पीछे मुड़ा
सामने अब वो थी
और मेरा अतीत....!!!!!
आपका हमदर्द
©Kiran Pawara
#aahat love