मैं सुबह की धूप,तू रात की अंगड़ाई मैं एक अल्हड़ भँ | हिंदी Shayari

"मैं सुबह की धूप,तू रात की अंगड़ाई मैं एक अल्हड़ भँवरा,तू कली कोई शरमाई मैं गर्मी की तप्त लू,तू कोई ठंडी पुरवाई मैं शोर किसी बाजार का,तू शादी की शहनाई मैं उथला-ठहरा पानी,तू सागर की गहराई मैं बुझे दीप की बाती,तू लौ कोई जगमगाई Dipti"

 मैं सुबह की धूप,तू रात की अंगड़ाई
मैं एक अल्हड़ भँवरा,तू कली कोई शरमाई
मैं गर्मी की तप्त लू,तू कोई ठंडी पुरवाई
मैं शोर किसी बाजार का,तू शादी की शहनाई
मैं उथला-ठहरा पानी,तू सागर की गहराई
मैं बुझे दीप की बाती,तू लौ कोई जगमगाई 
 Dipti

मैं सुबह की धूप,तू रात की अंगड़ाई मैं एक अल्हड़ भँवरा,तू कली कोई शरमाई मैं गर्मी की तप्त लू,तू कोई ठंडी पुरवाई मैं शोर किसी बाजार का,तू शादी की शहनाई मैं उथला-ठहरा पानी,तू सागर की गहराई मैं बुझे दीप की बाती,तू लौ कोई जगमगाई Dipti

#lovewalifeeling

People who shared love close

More like this

Trending Topic