White क्यों न जानूं मैं तुझे, क्यों न जाने तू मुझे,
कहती है दुनिया, प्यार और जंग में सब जायज़ है।
तू कबूल ले मुझे, यही खुदा से फरमाईश है।
मेरे मन में बैठी तू, संगीत की धुन कोई,
गाती कोयल, नया अनुराग सा कोई।
तुझसे रिश्ता है मेरा, अजीज़ कोई,
जैसे हवाओं का पत्तों से वास्ता कोई,
लहरों का किनारे पर रास्ता कोई।
तुझे न देखूं, ऐसा होगा नहीं,
तुझे देखना मेरी फितरत में है।
चुपके से देख लूं एक बार तुझे, थोड़ा अजीब ही सही,
तेरे पैरों की आहट से, मुझे प्यारी सी घबराहट है कोई।
देख ले एक बार मुझे, इसी में है राहत मेरी,
तू आए न आए, तेरे दीदार को,
मेरी तरसती आँखों का इंतजार ही सही।
मेरी इबादत जरूर, एक दिन रंग लाएगी,
जब तेरी ये चंचल आँखें मुझ पर रुक जाएंगी।
तुझसे है रिश्ता मेरा, अजीज़ कोई,
तुझे न देखूं, ऐसा होगा नहीं।
©Ajay Singh Bisht
Do like subscribe And share guys