हे दन्तेश्वरी माई हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्य | हिंदी कविता

"हे दन्तेश्वरी माई हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो। आयेंगे पैदल द्वारे तेरे, हम भक्तों की कामना पूर्ण करो। निर्धनता दूर करो, प्रसन्नता परिपूर्ण करो। हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो। पग में अपने स्थान हमे दो, क्लेश ना आये जीवन मे, ऐसा वरदान हमे दो। हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो। दुर्गा-काली माता तुम हो, अम्बे-जगदम्बे माता तुम हो। आशीष से अपने करते, भव का श्रृंगार तुम हो। हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो। उपासना कर सब दुःख मिटते, नाम तेरा जप सब सुख पाते। ऐसी करुणा कारी हो, सृष्ठि की रक्षाकारी हो। हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो।। ©Mahesh Kopa"

 हे दन्तेश्वरी माई 

हे दन्तेश्वरी माई,
धरा का कल्याण करो।
आयेंगे पैदल द्वारे तेरे,
हम भक्तों की कामना पूर्ण करो।
निर्धनता दूर करो,
प्रसन्नता परिपूर्ण करो।
हे दन्तेश्वरी माई,
धरा का कल्याण करो।
पग में अपने स्थान हमे दो,
क्लेश ना आये जीवन मे,
ऐसा वरदान हमे दो।
हे दन्तेश्वरी माई,
धरा का कल्याण करो।
दुर्गा-काली माता तुम हो,
अम्बे-जगदम्बे माता तुम हो।
आशीष से अपने करते,
भव का श्रृंगार तुम हो।
हे दन्तेश्वरी माई,
धरा का कल्याण करो।
उपासना कर सब दुःख मिटते,
नाम तेरा जप सब सुख पाते।
ऐसी करुणा कारी हो,
सृष्ठि की रक्षाकारी हो।
हे दन्तेश्वरी माई,
धरा का कल्याण करो।।

©Mahesh Kopa

हे दन्तेश्वरी माई हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो। आयेंगे पैदल द्वारे तेरे, हम भक्तों की कामना पूर्ण करो। निर्धनता दूर करो, प्रसन्नता परिपूर्ण करो। हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो। पग में अपने स्थान हमे दो, क्लेश ना आये जीवन मे, ऐसा वरदान हमे दो। हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो। दुर्गा-काली माता तुम हो, अम्बे-जगदम्बे माता तुम हो। आशीष से अपने करते, भव का श्रृंगार तुम हो। हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो। उपासना कर सब दुःख मिटते, नाम तेरा जप सब सुख पाते। ऐसी करुणा कारी हो, सृष्ठि की रक्षाकारी हो। हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो।। ©Mahesh Kopa

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