ये बताने के लिए वर्षों बाद की तुमने इंतज़ार किया। त | हिंदी Poetry

"ये बताने के लिए वर्षों बाद की तुमने इंतज़ार किया। तो क्यूं भला तुमने ऐसा प्यार किया। एक निकल गया राह पर अपनी मंजिलों को पाने। तुमने रास्ते भर भटक कर उस से मिलने को खुद को बेक़रार किया। तो क्यूं भला तुमने ऐसा प्यार किया। वो मिल चुका उसको जिसके वो नसीब में था। तुम ने बेवजह ही अपनी किस्मतों पर इतना एतबार किया। तो क्यूं भला तुमने ऐसा प्यार किया। वो चला गया आगे अपनी जिन्दगी को सजाता हुआ। तुमने उसकी यादों में कैद हो कर अपना सब क़ुर्बान किया। तो क्यूं भला तुमने ऐसा प्यार किया। वो तुम्हारी एह्मियतों से बढ़ कर एहम था भी नहीं। फिर भी तुमने अपनी जिन्दगी पर खुद वार किया। तो भला तुमने ऐसा प्यार क्यूं किया। तुम्हारे व्यवहार में जिद्द दिखी और जुनून भी रहा। तुमने जो भी जितना भी उसको किया। पर ये भी सच है तुमने ये प्यार तो बिल्कुल नहीं किया। ©Alok krishya"

 ये बताने के लिए वर्षों बाद की तुमने इंतज़ार किया।
तो क्यूं भला तुमने ऐसा प्यार किया।

एक निकल गया राह पर अपनी मंजिलों को पाने।
तुमने रास्ते भर भटक कर उस से मिलने को खुद को बेक़रार किया।
तो क्यूं भला तुमने ऐसा प्यार किया।

वो मिल चुका उसको जिसके वो नसीब में  था।
तुम ने बेवजह ही अपनी किस्मतों पर इतना एतबार किया।
तो क्यूं भला तुमने ऐसा प्यार किया।

वो चला गया आगे अपनी जिन्दगी को सजाता हुआ।
तुमने उसकी यादों में कैद हो कर अपना सब क़ुर्बान किया।
तो क्यूं भला तुमने ऐसा प्यार किया।

वो तुम्हारी एह्मियतों से बढ़ कर एहम था भी नहीं। 
फिर भी तुमने अपनी जिन्दगी पर खुद वार किया।
तो भला तुमने ऐसा प्यार क्यूं किया।

तुम्हारे व्यवहार में जिद्द दिखी और जुनून भी रहा।
तुमने जो भी जितना भी उसको किया।
पर ये भी सच है तुमने ये प्यार तो बिल्कुल नहीं किया।

©Alok krishya

ये बताने के लिए वर्षों बाद की तुमने इंतज़ार किया। तो क्यूं भला तुमने ऐसा प्यार किया। एक निकल गया राह पर अपनी मंजिलों को पाने। तुमने रास्ते भर भटक कर उस से मिलने को खुद को बेक़रार किया। तो क्यूं भला तुमने ऐसा प्यार किया। वो मिल चुका उसको जिसके वो नसीब में था। तुम ने बेवजह ही अपनी किस्मतों पर इतना एतबार किया। तो क्यूं भला तुमने ऐसा प्यार किया। वो चला गया आगे अपनी जिन्दगी को सजाता हुआ। तुमने उसकी यादों में कैद हो कर अपना सब क़ुर्बान किया। तो क्यूं भला तुमने ऐसा प्यार किया। वो तुम्हारी एह्मियतों से बढ़ कर एहम था भी नहीं। फिर भी तुमने अपनी जिन्दगी पर खुद वार किया। तो भला तुमने ऐसा प्यार क्यूं किया। तुम्हारे व्यवहार में जिद्द दिखी और जुनून भी रहा। तुमने जो भी जितना भी उसको किया। पर ये भी सच है तुमने ये प्यार तो बिल्कुल नहीं किया। ©Alok krishya

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