White पल्लव की डायरी
झुलसे गर्मी से कई महीने
,ताप सूरज का झेला है
मौसम भी अब गुमराह हो गये
सरकारों की तरह तड़पाते है
राहत के नाम पर हल्की बूंदाबांदी
उमस गर्मी का प्रकोप बढ़ाते है
देर से कृपा बरसाकर
जनजीवन अस्त व्यस्त बनाते है
रोपाई खेतो में हो जाने के बाद
बादल बरसने से कतराते है
जब तैयार फसल हो जाये तो
छप्पर फाड़ बरसात कर बाढ़ लाते है
मौसम भी गरीबो पर चोट
सरकारों की तरह पँहुचाते है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#weather_today मौसम भी चोट गरीबो पर,सरकारों की तरह पँहुचाते है
#nojotohindi