तारों भरी पलकों की, बरसाई हुई गज़लें है कौन पिरोऐ | हिंदी शायरी Video

"तारों भरी पलकों की, बरसाई हुई गज़लें है कौन पिरोऐ जो बिखराई हुई गज़लें वो लब हैं कि दो मिसरे और दोनों बराबर के ज़ुल्फ़ें कि दिले शायर पै छायी हुई ग़ज़लें ये फूल है या शेरों ने सूरतें पाई हैं शाखें हैं कि शबनम मे नहलाई हुई गज़लें खुद अपनी ही आहट पर चौंके हों हिरन जैसे यूँ,राह मे मिलती हैं घबराई हुई ग़जलें इन लफ्जों की चादर को सरकाओ तो देखोगे ऐहसास के घूँघट मे शर्माई हुई गज़ले उस जाने तग़ज्जुल ने जब भी कहा कुछ कहिये मैं भूल गया अक्सर याद आई हुई ग़जलें ©Nishaaj "

तारों भरी पलकों की, बरसाई हुई गज़लें है कौन पिरोऐ जो बिखराई हुई गज़लें वो लब हैं कि दो मिसरे और दोनों बराबर के ज़ुल्फ़ें कि दिले शायर पै छायी हुई ग़ज़लें ये फूल है या शेरों ने सूरतें पाई हैं शाखें हैं कि शबनम मे नहलाई हुई गज़लें खुद अपनी ही आहट पर चौंके हों हिरन जैसे यूँ,राह मे मिलती हैं घबराई हुई ग़जलें इन लफ्जों की चादर को सरकाओ तो देखोगे ऐहसास के घूँघट मे शर्माई हुई गज़ले उस जाने तग़ज्जुल ने जब भी कहा कुछ कहिये मैं भूल गया अक्सर याद आई हुई ग़जलें ©Nishaaj

तारों भरी पलकों की,
बरसाई हुई गज़लें
है कौन पिरोऐ जो
बिखराई हुई गज़लें
वो लब हैं कि दो मिसरे
और दोनों बराबर के
ज़ुल्फ़ें कि दिले शायर
पै छायी हुई ग़ज़लें

People who shared love close

More like this

Trending Topic