तुझे देखने बैठ जाऊं गर रात ढलती रुक जाती है
सांस थम जाती है, झरने गिरते रुक जाते हैं, तुम
फटक दो अपनी जुल्फें जिधर, हवाएँ उधर ही मुड़ जाती हैं
पटक दो एक कदम जिधर उस जमी की रंगत लौट आती है
लुटा जाता है पल पल ये दिल मेरा तुम्हें देख कर
तुम्हें देखकर तारिकाएं शरमाती हैं, बादलों में छुप जाती हैं.
©Sam
#Tujhe dekhon agar