White ख्वाबों का मेरे क़त्ल किया जानबूझकर फिर भी व | हिंदी Shayari

"White ख्वाबों का मेरे क़त्ल किया जानबूझकर फिर भी वो कह रही है गुनहगार नहीं है मैं झूठ को कैसे कहूँ सच तुम्हीं बताओ ये दिल है मेरा ये कोई अख़बार नहीं है रिश्ते निभा रहा हूँ ज़माने के लिए मैं ये मैं भी जानता हूँ उसे प्यार नहीं है।। ©Ashvani Kumar"

 White ख्वाबों का मेरे क़त्ल किया जानबूझकर 
फिर भी वो कह रही है गुनहगार नहीं है 

मैं  झूठ को कैसे कहूँ  सच तुम्हीं बताओ
ये दिल है मेरा ये कोई अख़बार  नहीं है 

रिश्ते निभा रहा हूँ ज़माने के लिए मैं 
ये मैं भी जानता हूँ  उसे प्यार नहीं है।।

©Ashvani Kumar

White ख्वाबों का मेरे क़त्ल किया जानबूझकर फिर भी वो कह रही है गुनहगार नहीं है मैं झूठ को कैसे कहूँ सच तुम्हीं बताओ ये दिल है मेरा ये कोई अख़बार नहीं है रिश्ते निभा रहा हूँ ज़माने के लिए मैं ये मैं भी जानता हूँ उसे प्यार नहीं है।। ©Ashvani Kumar

#love_shayari उसे प्यार नहीं है

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