White बात शब्दों की होती तो जीत जाते,
शब्दों के खेल में वो लहज़े बदल कर खेल गयें,
शब्द धरे के धरे रह गए, हम निःशब्द देखते रह गये।
जब चौराहे पर लोगों ने पूछा माज़रा क्या है,
वो होशियारी से हमदर्दी बटोरने में लग गयें,
हम लाचार सत्य की आग में जलते से रह गयें।।
खैर उनकी इज्ज़त ढकने की शपथ हमने ली थी,
वो हमारी बदनामी फैलाने में लग गयें,
और हम उपरवाले से उनकी शिफ़ारिश करने में लग गए।
भीड़ काफी थी, हम अकेले थे
सब उनसे तमाशे का हाल पूछने में लग गयें,
ये देख ईश्वर भी फ़लक से आ उतरे, हमारे लिए
हम उनसे उनके लिए दुआ मांगते रह गए।।
कहते हैं शरीर के रोंवे भी श्राप देते हैं,
हम उनसे भी कसम ले बैठे, जो एक भी उनके खिलाफ निकले,
हम उन रोंवों को भी त्यागने की शर्त लगा बैठे।
अब तो पता ही नहीं चलता क्या बोले क्या नहीं,
क्योंकि वो मीठे झूठ की चाशनी में डूबते रह गयें,
हम सत्य को लेकर अकेले पड़े के पड़े रह गयें।।
उनके चालाकी के चर्चे शहर में होने लगे,
वो बखूबी अपना किरदार निभाते रह गयें,
हम बेवकूफ़ उनकी हिफ़ाज़त की दुआ करते रह गए।
©Aakriti Rai
#alone_quotes हम निःशब्द देखते रह गए
#n9jotohindi #NO1_Trending #nojohindi # Krishnadasi Sanatani Sudha Tripathi @Pooja Udeshi @Kalpna Tyagi सुधा भारद्वाज"निराकृति"