आज कुछ चौपाइयाँ व दोहा -
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चौपाई -
1-
कब से आयी जाति व्यवस्था।
मचा इसी पर गुत्थम-गुत्था।।
2-
रामचरित मानस की गाथा।
समझ न पाया उनका माथा।।
3-
ढोल गँवार शूद्र पशु नारी।
यह चौपाई उनको प्यारी।।
4-
तुलसी की लिक्खी चौपाई।
उनको अभी समझ में आई।।
5-
है समुद्र ही उत्तरदायी।
ताड़न की जो बात उठायी।।
6-
जाति व्यवस्था की ही माया।
जिस कारण आरक्षण आया।।
7-
जाति व्यवस्था घातक भारी।
जिस कारण आरक्षण जारी।।
8-
पढ़ी एक केवल चौपाई।
जिसने उसको ख्याति दिलाई।।
9-
कौन शठों को यह समझाए।
मानस पढ़ो बुद्धि कुछ आए।।
दोहा -
हर चौपाई मंत्र है, मानस पावन ग्रंथ।
पर शठ को इसमें दिखे, जाति धर्म या पंथ।।
- हरिओम श्रीवास्तव -
©Hariom Shrivastava
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