White आज में नराज हूँ जब कौई दिकत परसानी होती है त | हिंदी विचार

"White आज में नराज हूँ जब कौई दिकत परसानी होती है तो ईशान एक दुसरे की हैल्प ले लेता है पर कभी ईशान सोचा है कि जब हम लोग इस धरती पर बसे जीव जन्तु पर बेधड़क वार कर देते है तो उसे कौन सहारा देता होगा एक दुसरे से अलग करने मे क्या मीलता है जीतना दर्द ईसांन को होता है उतना ही हर जीव जंतुवो को भी होता है ©RAMLALIT NIRALA"

 White आज में नराज हूँ जब कौई दिकत परसानी होती है तो ईशान एक दुसरे की हैल्प ले लेता है पर कभी ईशान सोचा है कि जब हम लोग इस धरती पर बसे जीव जन्तु पर बेधड़क वार कर देते है तो उसे कौन सहारा देता होगा एक दुसरे से अलग करने मे क्या मीलता है जीतना दर्द ईसांन को होता है उतना ही हर जीव जंतुवो को भी होता है

©RAMLALIT NIRALA

White आज में नराज हूँ जब कौई दिकत परसानी होती है तो ईशान एक दुसरे की हैल्प ले लेता है पर कभी ईशान सोचा है कि जब हम लोग इस धरती पर बसे जीव जन्तु पर बेधड़क वार कर देते है तो उसे कौन सहारा देता होगा एक दुसरे से अलग करने मे क्या मीलता है जीतना दर्द ईसांन को होता है उतना ही हर जीव जंतुवो को भी होता है ©RAMLALIT NIRALA

जीव जंतुवो पर दया करो

People who shared love close

More like this

Trending Topic