आज ये मज़हब और इंसान जैसे दबा-दबा सा है चंद फ़रेबीयों और मक्कारों के नापाक वज़न से दंगे करवा कर मकानों का फ़ैलाया मलबा सा है इन्हें कोई मतलब ही नही इंसानियत और वतन से ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/6RPsewRXA #हिंदी #मज़हब #इंसानियत #नापाक #मक्कारों #फ़रेबीयों #वतन #वज़न #Pinterest #अदनासा शायरी दर्द शायरी हिंदी में हिंदी शायरी शायरी हिंदी Extraterrestrial life Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto
काश ये जान पाते आम इंसान को किसी चीज से और ना किसी से है कोई वास्ता उसे तो दो वक्त की रोटी सिर पर छत और तन ढकने के लिए कपडे चाहिए ना मंदिर और ना मस्जिद चाह है उसे फिर भी हर जुल्म को उन्हें ही सहना पड़ता है