जी विशाल साहब! आपका भाव अकेला हो ऐसा कहना तो उचित नहीं है. हाँ, इतना समर्थन तो अवश्य करूँगा कि आपने हम सब के भावों को सी समय पर आवाज़ दे दी है. संक्षेप में कहूँगा कि नोजोटो भाग्य भरोसे बहनेवाले युवा की तरह है जो बस समाज से जुड़े रहकर अपनी स्वार्थपूर्ति तक तालमेल बनाने में विश्वास रखता है. समाज को दिशा देनेवाले आदर्शों के परिणाम में चुनौती बननेवाले संघर्षों से जूझने हेतु प्रेमचन्द या निराला आदि बन सकना हर किसी के बस की नहीं, क्षमा करें - ऐसा मेरा निजी विचार है. 🙏🌺
आदरणीय Shiv Narayan Saxena जी !
सादर नमस्कार 🙏🏻
आपके आशीर्वाद स्वरूप यह प्रतिक्रिया निःसंदेह मेरी इस पोस्ट कि सार्थकता को प्रमाणित करती है।
किसी विचार पर सहमत अथवा असहमत हो अलग बात है किन्तु पोस्ट एवं उस पर की गई प्रतिक्रिया विचार मंथन का अवसर प्रदान करती है। मंथन कि अपनी प्रकृति है कि सभी तत्वों के निकलने के बाद अंततः अमृत निकलता ही है।
अतः जिस मंच पर साहित्यिक ज्ञान के धारक के रुप में आपकी उपस्थिति है वहां साहित्यिक विचार मंथन होना निश्चित है।
यद्यपि चुनौतियों से जूझने वाले क़लमकारों कि संख्या कम हो लेकिन उनकी उपस्थिति का महत्व बहुत अधिक है और रहेगा।
🙏
आपकी प्रतिक्रिया सदैव मुझे प्रेरित व प्रोत्साहित करती है।
मेरा उद्देश्य बस यही रहा है कि मानव समाज में सकारात्मक विचारों का प्रसार होता है हालांकि आज के समय में यह बड़ा जटिल कार्य है लेकिन आपकी प्रतिक्रियाएं हमेशा मेरे उत्साह वर्धन करती है।
क्षमा मांग कर मुझ अभागे को शर्मिंदा ना करें 🙏
सादर आभार ❤️🙏
Irfan Saeed Writer Bhai
Gaay ka dudh aur makkhan bahut hai.
Aap to pachaa bhi logo 😍
Lekin
Nojoto pachaa nhi paaega 😂
Kyonki Nojoto ko masaledaar pasand hai 😂
जब भी कोई अपने बनाए गए उसूलों या नियमों से बाहर भटकना आरंभ कर देता है तो उसके प्रति लोगों के मन में शंकाएं उत्पन होना सुरू हो जाता है, और ऐसे में विशुद्ध साहित्य की तलाश उसे घुमक्कड़ी बना देती है। किसी की प्रतिभा और क्षमताओं का सही आकलन करना सहज तो नहीं है लेकिन उसकी सोच की सार्थकता और विचारों की गूढ़ता को कम से कम प्रोत्साहित करके उसे और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। और उसके लिए पहल सभी की और से होनी जरूरी है। 🙏🙏
Bahut khub विशाल bhai 👏 👏