tea quotes सुबह जब मैं उठा
तुम्हारे चेहरे को देखकर मुस्करा उठा
चमक रही थी तुम्हारी आभा
बिन कुछ कहे चल पड़ा
अपने नित्य कर्म करने को
जब पूजा पाठ करके उठा तो
देखा टेबल पर रखा हुआ था चाय
तुम उठ चुकी थी मेरे लिए
मैं सोच कर मुस्कुरा रहा था
सोचा था आज बनाऊँगा मैं चाय
और अपने हाथों से उनको पिलाऊँगा
मगर कुछ ना हुआ वो बनाकर
रख चुकी थी मेरे लिए चाय
©Prabhat Kumar
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