प्यास लगी थी गजब की
मगर पानी मे जहर था
पीते तो मर जाते और
न पीते तो भी मर जाते
बस यही जिंदगी भर के मसले हल न हुए
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुकमल हुए
वक्त ने कहा
काश थोड़ा और सब्र होता
सब्र ने कहा काश थोड़ा और समय होता सुबह सुबह उठना पड़ता है
जिंदगी कमाने
साहेब आराम कमाने निकलता हु
आराम छोड़के
दोलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गये
और फुर्सत मिली तो बच्चे खुद कमाने निकल गये...
at 60 year old man word of mouth
©Dinesh Dhawan