ज़िंदगी के हर मोड़ पर इम्तिहान ही तो है,
हर जीत के पीछे छुपा अरमान ही तो है।
ग़म का हर लम्हा सिखाता है सब्र,
हर रात के बाद सहर की पहचान ही तो है।
©नवनीत ठाकुर
#नवनीतठाकुर
ज़िंदगी के हर मोड़ पर इम्तिहान ही तो है,
हर जीत के पीछे छुपा अरमान ही तो है।
ग़म का हर लम्हा सिखाता है सब्र,
हर रात के बाद सहर की पहचान ही तो है।