Village Life पैसे की खोज में आया मैं शहर,
गाँव मुझे बुलाता रहा,
यादों में रुलाता रहा।
मिट्टी की खुशबू, खेतों की छाँव,
अब भी मेरे दिल में बसी है गाँव।
बचपन की बातें, दोस्तों का प्यार,
अब भी मुझे आती हैं बार-बार।
शहर की चमक, दिल को बहलाती,
पर गाँव की सादगी, सुकून दिलाती।
कभी लौट जाऊँगा, उस पगडंडी पर,
जहाँ बचपन बसा, मेरी जड़ें हैं वहाँ पर।
©Rahul Vishwakarma
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