White जीवन एक वृक्ष है और हमारे संस्कार इसमें दिया जानेवाला खादपानी और आचरण इसका फल है।
जो हमें मिलता है वो हमारे संस्कार है ,तभी तो मैं अपनों से बड़े लोगों की अवहेलना नहीं करती,पर कुछ लोगों का संस्कार है जो हमेशा मिथ्या अहंकार में डूब कर पर निन्दा में लगे रहते है ।जीवन रुपी इस वृक्ष में संस्कार रूपी खाद पानी का जितना सुन्दरतम सिंचन किया जाएगा आचरण रुपी फल भी उतना ही मधुरतम व श्रेष्ठतम होगा ।
हरियाली किसी वृक्षका सौंदर्य है फल उसकी सार्थकता है।जिस प्रकार फल
वृक्ष की उपयोगिता को बढा देते हैं
ऐसे ही हमारा आचरण भी संसार में हमारी उपयोगिता का निर्धारण भी करता है
फल जितना सुस्वादु व मधुर होगा वृक्ष की उपयोगिता उतनी ही अधिक होगी।
ठीक ऐसे हमारा आचरण भी जितना मधुर व श्रेष्ठ होगा समाज में हमारी
उपयोगिता भी उतनी ही अधिक होगी
जिस प्रकार मेरी सासु मां मेरी मां और ससुर मेरे पिता बन गए,देवर छोटा भाई ,ये मेरे संस्कार है जो मेरी मां ने सिखलाया है,
नहीं तो आज कल एकल परिवार में लोग जीना पसंद करते है,
धन्य है वो मां जिसने हमेशा अच्छी बात सिखलाई।
I Love 💕 you मम्मी
*अनुराधा वर्मा"अनु"*🙏🙏🙏
©Ashok Verma "Hamdard"
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