मैं समाज का विरोधी नहीं हूं नही समाज को गुमराह करत | हिंदी विचार

"मैं समाज का विरोधी नहीं हूं नही समाज को गुमराह करता हूं पर समाज को बताना मेरा काम है । आज तक किसी पुरुष पर समाज ने नही लिखा । हमेशा महिलाओं पर ही लिखा उनके उनके चित्रों पर लिखा। कितने भाइयों ने अपनी बहनों की जिंदगी बर्बाद की । पर किसी बहन ने भाइयों की जिंदगी बर्बाद नही की । कितने पितावो ने अपनी बेटियों की खुशियां छीनी । पर अपने पुत्रों की खुशियां नही छीन सके । कितनी महिलाओं को गलत विवाह करने से परिवार और समाज ने उनको अपने समाज से बाहर किया । पर पुरष को गलत विवाह करने पर समाज ने परिवार ने बाहर नही निकाला ये है हमारा समाज । पुरुष महान है । यंहा सोसड ब्याभिचार हत्या पूर्ण्य है । प्रेम अपराध है। यही कारण हम सभी दुखी है हमारे पास आत्मज्ञान नही है शरीर है । जिस इंसान ने आत्मा को जान लिया वह ही आध्यात्मिक होता है । अपने विचार समाज तक भेजता । 🙏🙏 ©sanjay Kumar Mishra"

 मैं समाज का विरोधी नहीं हूं नही समाज को गुमराह करता हूं पर समाज को बताना मेरा काम है । आज तक किसी पुरुष पर समाज ने नही लिखा । हमेशा महिलाओं पर ही लिखा उनके उनके चित्रों पर लिखा। कितने भाइयों ने अपनी बहनों की जिंदगी बर्बाद की । पर किसी बहन ने भाइयों की जिंदगी बर्बाद नही की । कितने पितावो ने अपनी बेटियों की खुशियां छीनी । पर अपने पुत्रों की खुशियां नही छीन सके । कितनी महिलाओं को गलत विवाह करने से परिवार और समाज ने उनको अपने समाज से बाहर किया । पर पुरष को गलत विवाह करने पर समाज ने परिवार ने बाहर नही निकाला ये है हमारा समाज ।  पुरुष महान है । यंहा सोसड ब्याभिचार हत्या पूर्ण्य है । प्रेम अपराध है। यही कारण हम सभी दुखी है हमारे पास आत्मज्ञान नही है शरीर है । जिस इंसान  ने आत्मा को जान लिया वह ही आध्यात्मिक होता है । अपने विचार समाज तक भेजता । 🙏🙏

©sanjay Kumar Mishra

मैं समाज का विरोधी नहीं हूं नही समाज को गुमराह करता हूं पर समाज को बताना मेरा काम है । आज तक किसी पुरुष पर समाज ने नही लिखा । हमेशा महिलाओं पर ही लिखा उनके उनके चित्रों पर लिखा। कितने भाइयों ने अपनी बहनों की जिंदगी बर्बाद की । पर किसी बहन ने भाइयों की जिंदगी बर्बाद नही की । कितने पितावो ने अपनी बेटियों की खुशियां छीनी । पर अपने पुत्रों की खुशियां नही छीन सके । कितनी महिलाओं को गलत विवाह करने से परिवार और समाज ने उनको अपने समाज से बाहर किया । पर पुरष को गलत विवाह करने पर समाज ने परिवार ने बाहर नही निकाला ये है हमारा समाज । पुरुष महान है । यंहा सोसड ब्याभिचार हत्या पूर्ण्य है । प्रेम अपराध है। यही कारण हम सभी दुखी है हमारे पास आत्मज्ञान नही है शरीर है । जिस इंसान ने आत्मा को जान लिया वह ही आध्यात्मिक होता है । अपने विचार समाज तक भेजता । 🙏🙏 ©sanjay Kumar Mishra

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