White ये हसीं मस्त फिज़ाओं ने मुझे खींच लिया।
तेरी ये शोख अदाओं ने मुझे खींच लिया।।
एक मुसाफ़िर था ना जाने कब कहां जाता,
पर तेरे इश्क़ की राहों ने मुझे खींच लिया।।
अब तलक ऐसे कभी भी नहीं बरसे हमदम,
छाई ये काली घटाओं ने मुझे खींच लिया।।
उनके महफ़िल सेमैं जैसेही हुआ था रुखसत,
मखमली नर्म सी बाहों ने मुझे खींच लिया।।
तेरे पांव के पाजेब की वो मस्त खनक,
तेरे मेहंदी वाले हाथों ने मुझे खींच लिया।।
©Hriday_Creates
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