green-leaves क्या रहा बाकी पिछले साल में,
कौनसी अधूरी ख्वाहिश रही।
जो खो गया जो दूर गया,
उसकी कमी तो न पूरी होगी।
कोशिश करो कि दुखे न मन अपनो का,
इस साल भी उस साल सी ही जिम्मेदारी रहेगी।
जो वक्त के पेड़ से पत्ते झड़े,
उनकी साख पर फिर नई कोंपल खिलेगी।
जितना भी है रहना अपनों के साथ खुशी से रहो,
क्योंकि ये जिंदगी है दुबारा न मिलेगी।
(चाहत)
©Chahat Kushwah
#GreenLeaves 'हिंदी कोट्स'