श्मशान घाट पर बैठा सोच रहा था मैं इंसान रिश्ते बन | हिंदी Life

"श्मशान घाट पर बैठा सोच रहा था मैं इंसान रिश्ते बनाता अनेक हैं जाता अकेला है बाकी सब देखते रहते हैं ©Pratyush PSP"

 श्मशान घाट पर बैठा 
सोच रहा था मैं
इंसान रिश्ते बनाता अनेक हैं
जाता अकेला है
बाकी सब देखते रहते हैं

©Pratyush PSP

श्मशान घाट पर बैठा सोच रहा था मैं इंसान रिश्ते बनाता अनेक हैं जाता अकेला है बाकी सब देखते रहते हैं ©Pratyush PSP

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