White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 13) में आपका स्वागत है!
नंदू महिला से पूछता है ,,आंटी आपको कहां तक जाना है!
महिला-बस एक स्टेशन बाद हमें उतर जाना है!क्या तुम मेरे साथ मेरे घर चलोगे, मैं तुम्हें अपने घर वापस भेज दूंगी!
नंदू- नहीं आंटी मुझे फिर से कैद नहीं होना है !
बस कृपा करके मुझे छोड़ दीजिए मैं आपके घर नहीं चल सकता,
महिला को, नंदू का भोलापन अंदर ही अंदर झकझोर दिया था!
वह ममता की चारदीवारी में अपने आप को, कैद कर चुकी थी!
महिला अपनी घड़ी की तरफ देखती हुई, उठ कर खड़ी हो जाती है!और अपने बैग से कुछ बिस्कुट का पैकेट निकालकर, नंदू के हथेली पर रखती हुई, निकास द्वार की तरफ बढ़ने लगती हैं!
शायद उनका स्टेशन आने वाला था!कुछ ही क्षणों में स्टेशन पे गाड़ी रुकीऔर वो वहां से उतर गई,खिड़की से नंदू के तरफ देखती हुई धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी, लेकिन आंखें नंदू वाले डब्वे की योर टिकी थी!कुछ ही क्षणों में गाड़ी भोपू देकर सरकने लगती हैं!और धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ लेती है,
©writer Ramu kumar
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