सूख गए हों सबके प्राण 
झुक गया हो आसमान
6 दिसंबर 1
  • Latest
  • Popular
  • Video

सूख गए हों सबके प्राण झुक गया हो आसमान 6 दिसंबर 1956 को जब हुआ बाबा साहब का महापरिनिर्वाण। छोड़ गए हम सबका साथ रहा नहीं है सर पर हाथ उनके बिन अब कौन करेगा वंचित पिछड़ों के हकों की बात। खुद मर‌ कर किया बुद्ध को जिंदा हैं उनके जैसे शख्स चुनिंदा आज तलक है मिशन अधुरा बाबा साहब हम हैं शर्मिंदा। ©Vijay Vidrohi

#Constitution #babasaheb #tribute #India  सूख गए हों सबके प्राण 
झुक गया हो आसमान
6 दिसंबर 1956 को जब हुआ
बाबा साहब का महापरिनिर्वाण।

छोड़ गए हम सबका साथ 
रहा नहीं है सर पर हाथ 
उनके बिन अब कौन करेगा 
वंचित पिछड़ों के हकों की बात।

खुद मर‌ कर किया बुद्ध को जिंदा
हैं उनके जैसे शख्स चुनिंदा 
आज तलक है मिशन अधुरा
बाबा साहब हम हैं शर्मिंदा।

©Vijay Vidrohi

बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस #my #New #poem #tribute #babasaheb #love #Constitution #India #Life poetry poetry on love poetry in hindi hindi poetry on life

12 Love

Trending Topic